हथियार के लायसेंस निरस्ती के बाद अब वेतन से होगी बिजली-बिल की वसूली
विद्युत वितरण कम्पनी को सौंपी सरकारी कर्मियों की सूची, 7 दिनों में बिल नहीं भरा तो रुकेगा वेतन
मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ने शस्त्र लाइसेंसधारी के बाद अब सरकारी विभागों में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों से बकाया बिल वसूली अभियान तेज कर दिया है। इसके लिए कम्पनी ने अलग-अलग विभागों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को चिन्हित किया है, जिन पर बिजली बिल के 10 हजार रूपये से अधिक बकाया हैं। इन सरकारी अधिकारियों–कर्मचारियों को 7 दिन के अन्दर बिजली बिल बकाया भरना होगा। बिल जमा न होने की स्थिति में इन सभी बकायादार कर्मचारियों की सूची विभाग प्रमुख और कोषालय को भेजी जा रही है। कंपनी ने कहा है कि बकाया बिजली बिल जमा नहीं करने पर इन बकायदारों को अगले महीने वेतन नहीं मिलेगा। बिजली कम्पनी ने पहले चरण में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में पदस्थ 500 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को टारगेट किया है, जिन पर बिजली कम्पनी का एक करोड़ रूपये से अधिक बकाया है।
गौरतलब है कि बिजली कम्पनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने इस संबंध में कम्पनी कार्यक्षेत्र के सभी 16 जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर शासकीय विभाग में कार्यरत सेवकों से राशि जमा करने का आग्रह किया था। इसके बाद कलेक्टरों ने भी जिले के सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर इस बात की आवश्यकता बताई थी। पत्र में कहा था कि जिले के विभिन्न शासकीय विभाग में कार्यरत अनेक शासकीय सेवक, नियमित, संविदा एवं बाहय स्रोत आदि के द्वारा अपने बिजली बिल का नियमित भुगतान नहीं किया जाता है। ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक ने पत्र लिखा था। कलेक्टर ने पत्र के माध्यम से विभाग प्रमुखों को निर्देश दिये कि वह अपने-अपने कार्य क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन मानदेय आदि भुगतान किया जाता है, उनके विरुद्ध बिजली-बिल भुगतान समय पर नहीं करने पर उचित कार्रवाई करें। कम्पनी ने कहा है कि इनमें से कई कर्मचारियों के ऊपर लाखों रूपये का बिल बकाया है।