कलेक्टोरेट भूअर्जन में पदस्थ रविंद्र घोसी को लोकायुक्त ने 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा़
सिंगरौली –
कलेक्टोरेट भूअर्जन में पदस्थ रविंद्र घोसी को लोकायुक्त ने 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा़ है,
लोकायुक्त को सूचना मिली थी कि AMPDC से प्रभावित गांव बेलवार के हरीलाल शाह की जमीन के मुआवजा के बदले रवींद्र घोसी ने उनसे पहले 2 लाख की मांग की थी ये डील 1 लाख की गई आखिरकार ये पूरी डील 80 हजार रुपये में तय हुई ,
हरीलाल शाह पीड़ित
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परेशान होकर पीड़ित हरीलाल शाह ने लोकायुक्त में इसकी लिखित शिकायत की, लोकायुक्त ने जांच के बाद ही शिकायत सही पाया और आज सुबह कलेक्ट्रेट के भूअर्जन शाखा में बैठे रवींद्र घोसी को उस वक्त रंगे हाथ पकड़ लिया जब पीड़ित हरीलाल शाह ने रिश्वत की 20 हजार राशि रवींद्र घोसी को दी, फिलहाल लोकायुक्त के डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि इस पूरे मामले में पूछताछ जारी है जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी
इधर इस पूरे मामले किसान कांग्रेस प्रदेश महामंत्री डीपी शुक्ला ने बताया की वे एपीएमडीसी की गड़बड़ियों को लेकर वे 2017 से लगातार शिकायत कर रहे हैं , आज की कार्रवाई जिला प्रशासन की अक्षमता को दर्शाता है, उन्होंने कहा कि एपीएमडीसी के खिलाफ प्रकरण उच्च न्यायालय में चल रहा है, डीपी शुक्ला ने बताया कि अगर इसकी जांच सीबीआई और ऐडी से की जाती है तो बड़े से बड़े लोगों का चेहरा उजागर हो जायेगा।
सुनिये डीपी शुक्ला ने क्या कहा
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क्या है गड़बड़ी
दरअसल एपीएमडीसी सुलियरी कोल माइन्स से 9 गांव प्रभावित है इसमे व्यापक रूप से गड़बड़ियां सामने आई हैं , सिंगरौली की आवाज ने लगातार गड़बड़ियां करने वाले लोगों का नाम उजागर किया है जिसके बाद प्रशासन ने विस्थापितों के हित में कुछ तो सख्ती दिखाई लेकिन कंपनी में मूल विस्थापितों का नाम छोड़कर बाहर के लोगों को नौकरी मुआवजा सहित विस्थापन का लाभ दिया जा रहा है जिससे आए दिन एपीएमडीसी और उससे जुड़ी कंपनियां विवादों में रहतीं हैं। हालांकि इन सब समस्याओं के जिम्मेदार क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं लेकिन जनप्रतिनिधि इस मामले में कभी भी गंभीर नहीं हुए जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता भुगत रही है ऐसी स्थिति बनी रहे तो जनता होने वाले आगामी चुनाव में कहो डाल सकती है।
कार्रवाई के दौरान लाइव