अस्पताल में डॉक्टर गायब, सैलरी चालू — मेडिकल कॉलेज खुलने से पहले ही धांधली का बड़ा खुलासा

ये डॉक्टर रीवा और इंदौर में सेवाएं दे रहे हैं

सिंगरौली — मेडिकल कॉलेज का भवन तैयार होने से पहले ही भ्रष्टाचार की नींव डाल दी गई है। सबसे बड़ा खुलासा यह है कि मेडिकल कॉलेज के दो दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों की ड्यूटी ट्रामा सेंटर में लगाई गई है, लेकिन इनमें से ज्यादातर डॉक्टर अस्पताल में मौजूद ही नहीं रहते।

जानकारी के मुताबिक, ये डॉक्टर रीवा और इंदौर में सेवाएं दे रहे हैं… फिर भी, हर महीने लाखों रुपये वेतन के रूप में उनके खातों में ट्रांसफर हो रहे हैं।

यह खेल पिछले 5 महीनों से चल रहा है… और इसमें सिविल सर्जन देवेंद्र सिंह और मेडिकल कॉलेज के डीन दत्ता की मिलीभगत होने के गंभीर आरोप हैं।

उधर, यही अस्पताल — जहां मरीजों को डॉक्टर ढूंढने के लिए भटकना पड़ता है — वहीं रोगी कल्याण समिति के कर्मचारियों को 8-8 महीने से वेतन नहीं मिला है।

लेकिन नियमों को ताक पर रखकर, ऐसे डॉक्टरों को समय पर सैलरी दे दी जा रही है जो अस्पताल में आते ही नहीं।

अब सवाल उठता है कि मेडिकल कॉलेज की शुरुआत से पहले ही अगर ऐसा हाल है… तो आने वाले दिनों में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या होगा?

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